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COVID-19:दिल्ली में कोरोना,क्या कहते हैं पिछले 7 दिनों के आंकड़े

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Health News
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इस महीने यानी जुलाई में COVID-19 को लेकर भारत की राजधानी दिल्ली काफी सुर्खियों में रही, हालांकि इससे पहले भी महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों की चर्चा रही है, बेड की कमी, सरकारी हॉस्पिटलों में भीड़, समय पर इलाज न मिल पाना तनाव और अफरा-तफरी की खबरें, कोरोना टेस्टिंग की पॉलिसी को लेकर चर्चा और आलोचना होती रही है.

लेकिन अब बात हो रही है कि कोरोना के खिलाफ दिल्ली सरकार की लड़ाई, दिल्ली इतनी तेजी से कोरोना पर काबू कैसे पा रही, क्या कोरोना वायरस के खिलाफ दिल्ली हर्ड इम्यूनिटी की ओर बढ़ रही है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 27 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना के कुल 1,30,606 मामले हो चुके हैं, इनमें से 1,14,875 कोरोना संक्रमित ठीक या डिस्चार्ज हो चुके हैं यानी करीब 88 प्रतिशत लोग रिकवर हो चुके हैं, वहीं 3,827 मरीजों की जान गई है. इस तरह दिल्ली में कोरोना के 11,904 एक्टिव केस हैं.

बीते हफ्तों में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में गिरावट देखी गई है. आइए देखते हैं कि बीते हफ्ते (20 जुलाई से 26 जुलाई) के आंकड़े क्या कहते हैं.

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20 जुलाई से 26 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना के नए मामले

इन सात दिनों में कोरोना के रोजाना हजार से ज्यादा नए मामलों की पुष्टि हुई है, सिवाय 20 जुलाई को जब कोरोना के इस महीने सबसे कम 954 नए केस कन्फर्म हुए.

दिल्ली में जुलाई के तीसरे हफ्ते (13 जुलाई-19 जुलाई) 1200 से 1600 नए मामले रोजाना कन्फर्म हुए, जुलाई के चौथे हफ्ते (20 जुलाई-26 जुलाई) में कोरोना के नए मामले 950 से 1350 के बीच रहे.

ये जून के आखिरी हफ्ते की तुलना में आधे से भी कम हैं, जब हर दिन औसतन 3000 से अधिक केस कन्फर्म हो रहे थे.

हालांकि एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नए मामलों में गिरावट की दो वजहें हो सकती हैं. एक वजह ये कि दिल्ली में वाकई केस कम हो रहे हैं और हालात सुधर रहे हैं, वहीं दूसरी वजह ये हो सकती है कि दिल्ली सरकार ने जो एंटीजन टेस्ट बढ़ाएं हैं, उस वजह से कम केस कन्फर्म हो रहे हों क्योंकि एंटीजन टेस्ट को आरटी-पीसीआर टेस्ट के मुकाबले कम विश्वसनीय माना जाता है.

दिल्ली में कोरोना मरीजों की रिकवरी और मौत

दिल्ली में अब संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी की संख्या दिख रही है और कोरोना से होने वाली मौतों में भी गिरावट देखी जा रही है.

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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली सरकार अपनी पीठ थपाथपा रही है. इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली हर्ड इम्यूनिटी की ओर बढ़ रही है और उनके अनुसार दिल्ली की कम से कम एक तिहाई आबादी में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है.

दरअसल दिल्ली के 11 जिलों में हुए सीरो सर्वे के मुताबिक 6 महीने में 22.86% आबादी इस वायरस की चपेट में आ चुकी है, इनमें एंटीबॉडी तैयार हो चुका है. दिल्ली के 11 में से 8 जिलों में 20% से ज्यादा जनसंख्या में इस वायरस का प्रसार हो चुका है. शाहदरा, सेंट्रल, उत्तर और पूर्वोत्तर में ये दर 27% रही. यह सीरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई के बीच हुआ था.

दिल्ली सरकार अब हर महीने सीरो सर्वे करवाएगी. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक पहला सीरो सर्वे दिल्ली के कंटेनमेंट जोन के अंदर रहने वाले लोगों पर किया गया था. दूसरा सर्वे कंटेनमेंट जोन के अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर किया गया. अब सरकार तीसरा सर्वे करवाने जा रही है.

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एम्स में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने आईएएनएस से कहा, "यह स्पष्ट है कि जांच, पहचान, आइसोलेशन और संक्रमण का पता करने की नीति ने कोरोना की संख्या में कमी ला दी है. यही दिल्ली में हो रहा है, कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या कम हो रही है."

उन्होंने कहा, "लोगों को यह जानने के बाद कि यहां स्थिति में सुधार आ रहा है, वायरस के खिलाफ सुरक्षा उपायों में ढील नहीं बरतनी चाहिए. हर्ड इम्यूनिटी विकसित होने के लिए, आबादी की बड़ी संख्या को संक्रमित होना होता है, जो अब तक दिल्ली में नहीं हुआ है."

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