ADVERTISEMENTREMOVE AD

चेचक जितना संक्रामक हो सकता है कोरोना का डेल्टा वेरिएंट: रिपोर्ट

Published
Health News
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

COVID-19 बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 वायरस का डेल्टा वेरिएंट अधिक गंभीर बीमारी का कारण और चेचक यानी चिकनपॉक्स (Chickenpox) जितना संक्रामक हो सकता है, अमेरिकी मीडिया ने सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के एक इंटरनल डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए ये रिपोर्ट किया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अत्यधिक संक्रामक इस डेल्टा वेरिएंट के COVID-19 वैक्सीन से मिली सुरक्षा को तोड़ने की अधिक संभावना है.

CNN ने बताया, डेटा से पता चलता है कि पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों के जरिए भी डेल्टा वेरिएंट फैल सकता है, वो भी उसी दर से जिस दर से वैक्सीन न लगवाए लोगों के जरिए फैलता है. ये डेटा अभी पब्लिश नहीं किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी वजह से CDC को पूरी तरह से टीकाकरण वाले अमेरिकियों के लिए मास्किंग पर अपने दिशानिर्देशों को पलटना पड़ा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

CNN के अनुसार CDC की निदेशक डॉ. रोशेल वालेंस्की ने डॉक्यूमेंट की प्रामाणिकता की पुष्टि की और कहा कि यह "गंभीर" है.

उन्होंने कहा, "हमारी जानकारी में डेल्टा वेरिएंट खसरा, चिकनपॉक्स जैसे सबसे अधिक फैलने वाले वायरस में से एक है."

नए अध्ययन में पाया गया है कि डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित लोगों के नाक और गले में जबरदस्त मात्रा में वायरस रहा, वालेंस्की ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया.

0

डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हर शख्स से 8-9 लोग संक्रमित हो सकते हैं

CDC का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट चिकनपॉक्स जितना संक्रामक है, इससे संक्रमित व्यक्ति से आठ या नौ अन्य लोग संक्रमित हो सकते हैं.

कोरोना का मूल स्ट्रेन आम सर्दी की तरह ही संक्रामक रहा, जिससे संक्रमित व्यक्ति से औसतन दो अन्य लोग संक्रमित हुए.

हालांकि, डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि टीकाकरण वाले लोग गंभीर बीमारी से सुरक्षित हैं, हालांकि वैक्सीन संक्रमण या संचरण को रोकने में कम प्रभावी हो सकती है.

इसलिए वैक्सीनेशन के बाद भी इन्फेक्शन और कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हो सकता है.

CNN के मुताबिक डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि वैक्सीन गंभीर बीमारी या मृत्यु के जोखिम को 10 गुना तक कम करती है और संक्रमण के जोखिम को तीन गुना तक कम करती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

SARS-CoV-2 के डेल्टा वेरिएंट की पहली बार भारत में पिछले साल अक्टूबर में पहचान की गई थी. यह अब 110 से अधिक देशों में फैल चुका है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि संक्रामक वेरिएंट पहले से ही कई देशों में तीन-चौथाई से अधिक सिक्वेंस्ड सैंपल में पाया गया है.

(इनपुट- CNN और The New York Times)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×