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सेक्सॉल्व: 'मुझे शादी के बाद पता चला कि मैं गे हूं, अब क्या करूं?'

सेक्सॉल्व: 'मुझे शादी के बाद पता चला कि मैं गे हूं, अब क्या करूं?'

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सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब आधारित कॉलम है.

अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीके या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं, या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखिए. वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल कर सकते हैं.

पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः

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‘मेरा अपने पति के साथ जिस्मानी रिश्ता नहीं है और मेरा एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर चल रहा है’

सेक्सॉल्व: 'मुझे शादी के बाद पता चला कि मैं गे हूं, अब क्या करूं?'
'क्या मुझे अपने पति को तलाक देना चाहिए?'

डियर रेनबोमैन,

मैं 28 वर्षीय महिला हूं. मैं भारतीय हूं, लंदन में रह रही हूं और छह साल से विवाहित हूं. मेरी समस्या ये है कि मेरे पति को मुझमें रुचि नहीं है, हम में जिस्मानी रिश्ते भी नहीं बनते. मैंने कई बार इसकी शिकायत की है और इस मसले पर उनसे बात भी की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

वह अपनी जिस्मानी कमजोरी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि वह मुझसे प्यार करता है, लेकिन हम असल मायनों में पति-पत्नी नहीं हैं. वह दूसरे देश में रहता है. वह जब भी वह मेरे पास आता है, हम सिर्फ दोस्तों की तरह रहते हैं, विवाहित जोड़े की तरह नहीं.

समय के साथ यह समस्या और बिगड़ती गई. उसकी बेरुखी के कारण, मैंने अपने सहकर्मी के साथ रिश्ता बना लिया है, जो मुझसे 13 साल बड़ा है. वह शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं. उसकी पत्नी और बच्चे स्कॉटलैंड में रहते हैं. हम एक दूसरे से बेइंतेहा प्यार करते हैं और दोनों के विवाहित होने के बावजूद, हम एक दूसरे का ख्याल रखते हैं और बेड में सहज हैं. वह मुझसे एक बच्चा पैदा कर मुझे संपूर्ण औरत बनाना चाहता है, लेकिन अपनी शर्तों पर.

मैं जो बात कहना चाहती हूं वह यह है कि मेरा सहकर्मी अपनी पत्नी को तलाक नहीं देना चाहता, हालांकि उसका पत्नी के साथ रिश्ता बहुत खराब है. वह मुझे पत्नी का कानूनी दर्जा नहीं देना चाहता, लेकिन मेरे साथ रिश्ते को गुप्त रूप से जारी रखना चाहता हूं, कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है, मानो मैं ‘रखैल’ बन गई हूं.

मैं बहुत परेशान हूं, इस मुद्दे पर किसी से भी बात नहीं कर सकती, लेकिन मेरे पति, हां, मेरे कानूनी पति मेरे दर्द के बारे में चिंतित नहीं हैं.

कृपया मेरी मदद करें, मुझे रास्ता दिखाएं और बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए. मैं पति और बच्चे के साथ परिवार पूरा करना चाहती हूं.

क्या मुझे अपने पति को तलाक देना चाहिए? क्या मुझे अपने सहकर्मी, जिसे मैं प्यार करती हूं, के साथ अपना रिश्ता जारी रखना चाहिए? या मुझे उससे दूरी बना लेनी चाहिए?

विकल्प

प्रिय विकल्प,

अपने जीवन के इस अंतरंग हिस्से को मेरे साथ साझा करने का शुक्रिया. जीवन और प्यार कभी-कभी चुनौती भरे होते हैं, लेकिन इस सफर के लिए यह बहुत मामूली बात है.

इससे पहले कि मैं उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूं, जिन्हें आपने मेरे साथ साझा किया है, सबसे पहले मैं आपको प्यार खोजने के लिए बधाई देता हूं.

एक ऐसी दुनिया में, जो कई बार नफरत से प्रेरित लगती है, प्यार करने का हौसला इसे सुंदर बनाता है.

मैं जानता हूं कि अगर आप दोनों सिंगल होते तो यह सबसे अच्छा होता, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं लगता है. खैर, जिंदगी ऐसी ही मनमौजी और अचंभों से भरी है.

मैं पति से जिस्मानी नजदीकी की कमी के बारे में आपकी चिंता को समझता हूं. क्या यही कारण है कि आप लोग दूर हो गए? क्योंकि आप यह भी कहती हैं कि वह आपको प्यार करता है. जो लोग प्यार करते हैं, वो हमारी भावनात्मक, रोमांटिक या सेक्सुअल जरूरतों के प्रति संवेदनशील होते हैं.

किसी डॉक्टरी जांच के बिना उसके लिए “जिस्मानी कमजोरी” शब्द का इस्तेमाल करना बहुत कठोर है, हालांकि मैं समझता हूं कि आप इन शब्दों का इस्तेमाल अपनी ख्वाहिशों और जरूरतों को व्यक्त करने के एक बिंदु को अभिव्यक्त करने के लिए कह रही हैं.

एक सवाल आपको खुद से पूछने की जरूरत है- मेरा पति मुझसे प्यार करता है, लेकिन क्या मैं उससे प्यार करती हूं? अगर आप अपने पति को प्यार नहीं करती हैं, तो आप इस रिश्ते में खुद को या उसे क्यों थोपेंगी?

आपको इसलिए एक साथ रहने की जरूरत नहीं है कि आप एक-दूसरे से विवाहित हैं; आपको इसलिए एक साथ रहने की जरूरत है क्योंकि आप एक-दूसरे से प्यार करते हैं. लेकिन अगर कोई प्यार नहीं है, तो पूरी शादी एक मजाक बन कर रह जाती है.

अब, एक और चीज की हकीकत समझ लें. आपको इस रिश्ते से निकलने के लिए किसी दूसरे रिश्ते में होने की जरूरत नहीं है.

याद रखें, आप और सिर्फ आप ही अपनी जिंदगी का फैसला कर सकती हैं. अपने फैसले को किसी अन्य शख्स के साथ रिश्ते बनाने के विचार से प्रभावित न होने दें. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि आपको अपनी असंतोषजनक शादी के मुद्दे को हल करने की आवश्यकता है.

अब, आपके प्रेमी पर आते हैं. मेरे जजमेंट के लिए माफ कीजिएगा, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि वह कोई विकल्प नहीं देना चाहता और सिर्फ सुविधाजनक रास्ता अपना रहा है. क्या आप वास्तव में किसी ऐसे शख्स के साथ रहना चाहती हैं जो आपको प्यार करता हो, लेकिन आपके साथ खड़ा होने की हिम्मत न रखता हो.

आप छिप कर प्यार नहीं करते हैं. प्यार में गर्व होता है. यह शर्मिंदा होने या छिपाने की चीज नहीं है.

खुद से पूछिए, क्या मैं किसी की जिंदगी में परछाईं बनने के लिए तैयार हूं या क्या मैं अपनी जिंदगी प्यार और रोशनी के रास्ते पर ले जाना चाहती हूं.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बात: मुझे यकीन है कि आप सही चुनाव करेंगी.

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‘मैं जिस लड़की से प्यार करता हूं, वो अपने पिछले अनुभव के कारण हां नहीं कह रही’

सेक्सॉल्व: 'मुझे शादी के बाद पता चला कि मैं गे हूं, अब क्या करूं?'
'एक लड़की है, जिसे मैं प्यार करता हूं.'

डियर रेनबोमैन,

एक लड़की है, जिसे मैं प्यार करता हूं और डेट करना चाहता हूं. हमने एक ही यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की. मुझे एहसास हुआ कि स्कूल के बाद जिंदगी हमें किसी न किसी बहाने मिला रही है. हम दोनों की एक जैसी रुचियां हैं. आखिरकार मैंने उससे मिलकर दिल की बात बता दी. हालांकि उसने कहा कि वह प्यार के लिए तैयार नहीं है (अपने पिछले रिलेशनशिप के कारण), जब भी वह मेरी बाहों में होती है, तो मैं उसके दिल की धड़कन सुन सकता हूं; स्पर्श, हाथों की पकड़... वह मेरे रोमांटिक अवतार का पूरी तरह से आनंद लेती है. लेकिन मुझे अभी तक हां में जवाब नहीं मिला है. कभी-कभी ऐसा लगता है कि मैं उसे प्यार/डेट करने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा हूं. वह अपने आप को पूरी तरह संयमित रखती है और कभी-कभी तो मुझे उससे कुछ भी कहलवाने के लिए दबाव डालना पड़ता है. क्या यह दोनों तरफ से नहीं हो सकता है? या मुझे बस फरियाद करते रहना है?

एक आशिक

प्रिय आशिक,

बहुत अच्छा लगता है, जब जिंदगी हमें बार-बार उन लोगों से मिलाती जिन्हें हम प्यार करते हैं और जिनकी हम परवाह करते हैं. इस मामले में आप किस्मत वाले हैं.

कभी-कभी हम ज्यादा पाने की उम्मीद में और ज्यादा खो बैठते हैं.

प्यार करने के लिए हिम्मत जरूरी है और हिम्मत बंधने में वक्त लगता है.

मैं अपने निजी तजुर्बे की बात बताता हूं. मेरा भी दिल टूटा था. मुझे पता है कि दुनिया में यह सबसे बुरा एहसास है. जिन लोगों को आप पसंद करते हैं, उनके द्वारा छोड़ देने का ख्याल, प्यार खो देने का एहसास, दिल भारी होने के बाद भी भावनात्मक रूप से खोखला होने की भावना का सामना करना चुनौती है. उसे वक्त दें. कुछ वक्त बाद दर्द से उबर जाएगी. उसको वक्त दीजिए.

प्यार में सब्र रखें. इसको तब तक सहेजें जब तक कि आपके घोंसले तक आने और युगल गीत गाने के लिए इसके अपने पंख न निकल आएं.

यह आपकी जिम्मेदारी है कि जब वह अपने पिछले रिलेशनशिप के दर्द को याद करती है, तो उसके हाथ में आपका हाथ हो. जल्दबाजी न करें. उसे वक्त की जरूरत है. उसे वक्त का उपहार दें.

मुस्कुराइये

रेनबोमैन

अंतिम बात: प्यार करते रहें. आप प्यार हैं.

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'शादी के बाद पता चला कि मैं गे हूं. क्या मुझे अपनी बीवी को तलाक दे देना चाहिए?'

सेक्सॉल्व: 'मुझे शादी के बाद पता चला कि मैं गे हूं, अब क्या करूं?'
'वो मेरे साथ रहना चाहती है.'

हैलो रेनबोमैन,

मेरी उम्र 36 साल है. 5 साल पहले आपसी रजामंदी से एक लड़की से मेरी शादी हो चुकी है. मैं हमेशा जानता था कि मैं अलग हूं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं गे हूं. मुझे शादी के 6 महीने बाद ही एहसास हुआ कि मैं गे हूं. शुरू में मैंने कई डॉक्टरों और अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, यह कोई बीमारी नहीं है.

तब मैं खुद को अपनी पत्नी की जिंदगी बर्बाद कर देने का कसूरवार मानने लगा. हमारी शादीशुदा जिंदगी में सेक्सुअल समस्या, विचारों का टकराव, झगड़े, असंतोष जैसी समस्याएं हमेशा थीं. लेकिन शादी के एक साल बाद मैंने परिवार को अपनी सेक्सुअलटी के बारे में बताया. मुझे नहीं पता कि कैसे और क्यों, लेकिन मेरी पत्नी ने मेरे साथ रहने का फैसला किया हालांकि मुझे हमेशा लगता था कि यह हम दोनों के लिए बहुत मुश्किल होगा. मेरे परिवार ने फैसला उस पर छोड़ दिया, लेकिन उसने मेरे साथ रहने का फैसला किया. यह बात मुझे भावुक कर गई और हम उस रात अंतरंग हो गए. कुछ रातों में हमारे बीच जिस्मानी रिश्ते बने, लेकिन ये सभी मेरे आत्मा के दर्द की कीमत पर थे.

अब, हमारा 3 साल का बेटा है और हमारे बीच 2 साल से जिस्मानी रिश्ते नहीं हैं. हम दोनों इस विवाह में सिर्फ रह रहे हैं लेकिन हम खुश नहीं हैं, क्योंकि हम भावनात्मकरूप से जुड़े नहीं हैं या शायद यह कहना ज्यादा सही होगा कि मैं उससे जुड़ा नहीं हूं. शादी के बाद मेरी एक रिलेशनशिप थी, जिसे उसके द्वारा पकड़े जाने के बाद मैंने खत्म कर दिया.

वह एक बहुत अच्छी लड़की है. मैंने उसे बहुत नुकसान पहुंचाया है और मैं इसे और बढ़ाना नहीं चाहता. वह मुझे बहुत प्यार करती है लेकिन मैं उसे कभी वापस प्यार नहीं कर सकता. वह हमेशा मेरे परिवार के साथ खड़ी है. सामाजिक रूप से, दोनों परिवार केवल उसके हौसले के कारण सुरक्षित हैं.

मुझे लगता है कि वह बेटे की वजह से मेरे साथ रह रही है, लेकिन वह शादी में खालीपन महसूस करती है. मैं उसे जिस्मानी तौर पर संतुष्ट नहीं कर सकता. वह जब भी मेरे करीब आती है तो ऐसा लगता है कि बलात्कार हो रहा है. और मैं खुद को लेकर बहुत ज्यादा दोषी महसूस करता हूं. मुझे क्या करना चाहिए और मैं उसके लिए क्या कर सकता हूं? मैं उसे कैसे खुश रख सकता हूं?

मुझे लगता है कि अलग हो जाना आखिरी समाधान है, क्योंकि आखिरकार मैं खुद को कैसे बदल सकता हूं? मैंने अपनी बात उसको समझाने की कोशिश की, लेकिन वह मेरी बात बिल्कुल समझ नहीं पा रही थी. और मैं इसके लिए उसे दोष नहीं दे सकता क्योंकि वह हमेशा मेरा साथ देने की कोशिश करती है. लेकिन मैं सिर्फ एक चीज के बारे में चिंतित हूं. क्या मुझे बिना उसे खुश रखे उसके साथ रहना चाहिए, या क्या हमें शादी में कानूनी तौर पर बने रहना चाहिए, लेकिन अलग रहना चाहिए (एक महीने पहले उसने यही ख्वाहिश जाहिर की)? मैं खुद को संतुष्ट करने के लिए सोशल डेटिंग एप्स का इस्तेमाल करता हूं लेकिन वह खुद को कैसे संतुष्ट कर सकती है? मैंने उसे कहा था कि तुम्हें मेरी तरफ से हर तरह की आजादी हासिल है. तुम खुद को किसी भी तरह से संतुष्ट कर सकती हो, मुझे वाकई कोई समस्या नहीं है.

वह हमेशा मेरे साथ कुछ इंटरनेट लेख साझा करती है, जिनसे मैं बार-बार दोषी महसूस करता हूं. कभी-कभी मैं सोचता हूं कि हम सिर्फ परिवार और समाज के लिए इस जिंदगी को क्यों जी रहे हैं? मैं हैरान हूं. उसका परिवार भी बहुत मददगार है. मैं खुद को किस्मत वाला मानता हूं कि मेरे पास ऐसे लोग हैं, लेकिन अंत में तो यह हमारी जिंदगी के बारे में है. आपकी राय में हमें क्या करना चाहिए? कृपया कुछ मदद करें या सुझाव दें.

परेशान आदमी

प्रिय परेशान आदमी,

मेरे सामने अपने दिल की बात खोलकर रख देने के लिए शुक्रिया.

मुझे खुशी है कि आपको अपनी आवाज मिली, भले ही थोड़ा वक्त लगा. जिंदगी एक खोज है, जो बस अचानक होती है, जिंदगी यूं ही मजेदार है.

कभी-कभी यह आपको हकीकत के साथ झटका देती है, जिसका आप सामना नहीं करना चाहते. कभी-कभी ऐसा समय होता है, जब आप सच्चाई का सामना नहीं करना चाहते. लेकिन मुझे खुशी है कि आप पूरी तरह से अपनी सेक्सुअलटी के बारे में निश्चित हैं और मुझे इस बात की भी खुशी है कि आपकी चिंता दुर्भावना से नहीं बल्कि सहानुभूति से उभरी है.

हां, लेकिन आपकी सच्चाई इस बार उन लोगों की सच्चाई की कीमत पर है, जिन्होंने कभी इसके लिए रजामंदी नहीं दी थी. आपकी पत्नी आपके साथ रहने का विकल्प चुनती है, आप आजादी चाहते हैं. आपके हित के लिए तलाक देना बेहतर होगा. हालांकि, उन महिलाओं के लिए जिंदगी आसान नहीं है, जो यह कदम उठाती हैं. शायद आपको इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप दोनों को एक विशेषज्ञ से काउंसलिंग लेनी चाहिए, जिससे आपको इस कठिन रास्ते से गुजरने में मदद मिले और आप सुरक्षित बाहर निकल सकें.

हालांकि आपको यह समझना चाहिए कि आप अपनी पत्नी या अपने बच्चे से किनारा नहीं कर सकते. आपको अपने किए की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी. भले ही यह उस वक्त हुआ, जब आपको खुद नहीं पता था कि आप कौन हैं.

मैं समझता हूं कि आप नियमित रूप से किसी से बात करना चाहेंगे. मैंने आपको ईमेल पर अपना फोन नंबर दे दिया है. मैं एक अच्छा सुनने वाला हूं. साथ ही, मेरा सुझाव है कि आप www.humsafar.org पर जाएं, उनका दिल्ली में ईस्ट ऑफ कैलाश में एक ऑफिस है. आप वहां गौतम यादव या यशविंदर सिंह से मिल सकते है. यह एक संस्था है, जो लंबे समय से LGBTIQ लोगों के अधिकारों के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. हमें अपने अधिकार मिल गए हैं और धारा 377 का खात्मा उनके निरंतर प्रयासों से ही मुमकिन हुआ है.

हम कभी भी आपकी पत्नी के खिलाफ नहीं खड़े होंगे या आपको तलाक लेने में मदद नहीं करेंगे, लेकिन मुझे लगता है कि अपने जैसे किसी से मिलकर एक-दूसरे को सुनने से आपको जिंदगी के इस दौर का सामना करने में मदद मिलेगी और इस चुनौती का खुद के लिए समाधान निकाल सकेंगे.

आपको एक प्रोफेशनल काउंसलर की मदद की भी जरूरत होगी. आखिरकार, जब आप एक बेहतर जगह पर हैं, तो मेरा सुझाव है कि आप अपनी पत्नी को भी काउंसलिंग लेने काअनुरोध करें ताकि वह भावनात्मक रूप से स्वतंत्र होकर फैसला ले सके.

सप्रेम

रेनबोमैन

अंतिम बातः चीजें बेहतर होगीं. भरोसा कायम रखें.

(हरीश अय्यर एलजीबीटी समुदाय, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)

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